मोहन भागवत जयपुर पहुंचे, समन्वय बैठक शुरू
जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन दिवसीय चैतन्य शिविर में हिस्सा लेने संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत शुक्रवार सुबह 4:10 बजे अहमदबाद-हरिद्वार मेल से जयपुर पहुंच गए। अब वे संघ की समन्वय बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। शाम को शिविर शुरू होगा।
रेलवे स्टेशन पर मोहन भागवत को लेकर संघ के प्रांत प्रचारक शिव लहरी समेत कई प्रमुख पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता पहुंचे। वहां से सीधे वे केशव विद्यापीठ स्थित शिविर स्थल पर पहुंचे। सुबह की शाखा में प्रार्थना के बाद उन्होंने सुबह ठीक 10 बजे प्रदर्शनी सरस का उद्घाटन किया।
भाजपा के कई नेता पहुंचे
सुबह 9 बजे ही शिविर स्थल पर समन्वय बैठक शुरू हुई। बैठक में संघ के विविध संगठनों के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी पहुंचे। इनमें भाजपा नेता ललित किशोर चतुर्वेदी, गुलाबचंद कटारिया, घनश्याम तिवाड़ी सहित कई पदाधिकारियों के पहुंचने की जानकारी है। इनके अलावा भाजपा युवा मोर्चा, एबीवीपी, विहिप, बनवासी कल्याण परिषद, बजरंग दल समेत 48 संगठनों के पदाधिकारी पहुंचे।
बैठक में संघ और विविध संगठनों के संबंधों पर मंथन किया गया। बताया जा रहा है कि आगामी चुनावों को देखते हुए यह समन्वय बैठक अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसमें भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, विधायक घनश्याम तिवाड़ी, पूर्व मंत्री गुलाबचंद कटारिया, पूर्व मंत्री ललितकिशोर चतुर्वेदी, सतीश पूनिया समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे।
मोहन भागवत जयपुर पहुंचे, समन्वय बैठक शुरू
सुबह 9 बजे ही शिविर स्थल पर समन्वय बैठक शुरू हुई। बैठक में संघ के विविध संगठनों के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी पहुंचे। इनमें भाजपा नेता ललित किशोर चतुर्वेदी, गुलाबचंद कटारिया, घनश्याम तिवाड़ी सहित कई पदाधिकारियों के पहुंचने की जानकारी है। इनके अलावा भाजपा युवा मोर्चा, एबीवीपी, विहिप, बनवासी कल्याण परिषद, बजरंग दल समेत 48 संगठनों के पदाधिकारी पहुंचे।
आपका पैसा इस तरह लुटा रही है सरकार
नई दिल्ली. सरकार आर्थिक सुधार के नाम पर कड़े फैसले लेने पर आमादा है। इसकी सीधी मार जनता पर पड़ रही है। पहले से महंगाई के बोझ से दबी जनता पर ताजा मार रसोई गैस सिलेंडर लेने में मुश्किल और रेलवे के जरिए मुसाफिरों को 'लूटने' की योजना के रूप में पड़ने जा रही है।
मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई की अनुमति देने, डीजल की कीमत में पांच रुपये प्रति लीटर की बढोतरी और सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की संख्या सीमित करने के फैसलों को लेकर देश भर में बवाल मचा है। अब एक अक्टूबर से रेल टिकट भी महंगा होने जा रहा है और एलपीजी सिलेंडर के नए कनेक्शन पर अघोषित रोक लग गई है।
सरकार अपना घाटा कम करने के नाम पर जनता को इन तमाम परेशानियों के बोझ से लाद रही है, लेकिन केंद्र और तमाम राज्य सरकारें जनता का पैसा मुफ्त का चंदन, घिस मेरे रघुनंदन या फिर माल-ए-मुफ्त, दिल-ए-बेरहम की तर्ज पर लुटा रही हैं। केंद्र सरकार ने पिछले दिनों सभी मंत्रालयों को फिजूलखर्ची से बचने और कोई कार्यक्रम पांच सितारा होटल में नहीं करने की हिदायत दी थी। लेकिन यह दिखावा साबित हो रहा है। सरकार की शाहखर्चीकम नहीं हुई है।
भारी दबाव के बीच रुश्दी की वीडियो कांफ्रेंसिंग रद्द
जयपुर। जयपुर साहित्य उत्सव के अंतिम दिन मंगलवार को विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी की प्रस्तावित वीडियो कान्फ्रेंसिंग का मुस्लिम संगठनों के भारी विरोध को देखते हुए आयोजकों ने अंतिम समय में इसे रद्द कर दिया ।
पुलिस उपायुक्त विजेन्द्र झाला ने जयपुर साहित्य उत्सव के आयोजकों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि आयोजकों ने सलमान रुश्दी की प्रस्तावित वीडियों कान्फ्रेंसिंग को भारी विरोध के चलते रद्द करने का फैसला लिया है। इससे पहले, जयपुर के एक मुस्लिम संगठन के पदाधिकारी अब्दुल सलाम ने जयपुर की एसीएम (दक्षिण) की अदालत में परिवाद पेश कर सलमान रुश्दी की वीडियो कांफ्रेंसिंग को रोकने का अनुरोध किया था। अदालत ने इस पर सुनवाई करते हुए जयपुर साहित्य उत्सव के आयोजकों को तलब किया था। इधर, जयपुर साहित्य उत्सव स्थल पर राजस्थान के छह मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों और उनके समर्थकों ने प्रदर्शन कर सलमान रुश्दी की वीडियो कांफ्रेंसिंग को रोकने की मांग की थी।
बारावफात, रमजान में शराब बिक्री पर लगे रोक!
जयपुर। राजस्थान में सलमान रूश्दी का विरोध जयपुर के मुस्लिम क्षैत्रों से आगे बढ़कर प्रदेश के मुस्लिम बाहुल्य क्षैत्रों तक पहुंच गया है और रूश्दी के विरोध के साथ मुस्लिम उलेमाओं ने एक नयी मांग सरकार के सामने रखते हुए कहा है कि इस्लाम के पैगम्बर मुहम्मद साहब के जन्मदिन बारावफात एवं पवित्र माह रमजान में शराब की बिक्री पर रोक लगाई जानी चाहिये।
जयपुर में सलमान रूश्दी के आने की खबर से नाराज मुस्लिम जगत में अपने अधिकारों को लेकर नयी चेतना पैदा हो रही है और गत दिनों पिंकसिटी प्रेस क्लब में आयोजित रूश्दी विरोधी प्रेस कांफ्रेस में युवा और देशभक्ति का जज्बा रखने वाले उलेमाओं ने बताया कि जब महात्मा गांधी, महावीर जयन्ति, 15 अगस्त, 26 जनवरी एवं जैन पर्व प्रयूषण में सप्ताह भर तक राजस्थान में मीट की बिक्री के साथ शराब की बिक्री पर भी रोक लगाई जाती है तथा सरकार मीट और शराब की बिक्री पर सख्ती के साथ विशेष अधिकारी नियुक्त कर रोक के आदेश को लागू भी करवाती है। तब इस्लाम के पैगम्बर मोहम्मद साहब के जन्मदिन बारावफात एवं ईबादत का पवित्र माह रमजान जिसमें मुस्लिम बड़े-बुढ़े-औरतें-और छोटे-छोटे बच्चे भी भूखे-प्यासे रहकर रोजे रखते हैं। इसलिए ईबादत के महिने में भी शराब बिक्री पर एक माह के लिए रोक लगानी चाहिये।
मुस्लिम उलेमाओं ने बताया कि हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसा के नारे के साथ जैन धर्म के भगवान महावीर एवं उनके पवित्र आठ दिन के पर्युषण पर्व पर गोश्त की बिक्री पर लगे प्रतिबंध का सम्मान आपसी भाईचारे-कौमी एकता एवं हिन्दू-मुस्लिम आपस में एक दूसरे के आस्था और संस्कारों का सम्मान करते है। इन हालात में राजस्थान सरकार को आगे बढ़कर बारावफात एवं पवित्र ईबादत के महिने रमजान में सरकार की और से शराब बंदी का कानून बनाकर घोषणा कर इस्लाम के पैगम्बर मुहम्मद साहब के आदेर्शो का सम्मान करना चाहिये। बारावफात और रमजान महिने पर शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर राजस्थान विधानसभा में एक दर्जन विधायकों के साथ राजस्थान मुस्लिम बोर्ड के चेयरमेन, मदरसा बोर्ड के चेयरमेन, राजस्थान अल्प संख्यक बोर्ड के चेयरमेन भी मुस्लिम उलेमाओं के साथ है और सभी ने पूर्व में भी सरकार से मुस्लिम पैगम्बर के जन्मदिन एवं रमजान माह में शराब बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है।
कांग्रेस से जुड़े मुस्लिम विधायकों एवं मदरसा बोर्ड के कुछ सदस्यों ने पत्रकारों को बताया कि बारावफात पर शराब बिक्री पर रोक लगाने की मांग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक जयपुर शहर के मुस्लिम उलेमाओं एवं अजमेर शरीफ के अंजुमनों बारावफात के पहले राजस्थान सरकार शराब बिक्री पर रोक की घोषणा कर मुसलमानों को ईद-मिलादुन-नब्बी का तौहफा दे सकती है।
हमारी रोडवेज बसों की पहचान कलर से नहीं गंदगी से
राजस्थान रोड़वेज की बसे धुलती नहीं
जयपुर। प्रदेश भर में लाखों यात्रियों को रोजाना सफर करवाने वाली यात्री ट्रांसपोर्ट की लाइफ लाइन राजस्थान रोडवेज बसों की पहचान कलर से नहीं होती है बल्कि गंदी बस देखकर ग्रामीण, शहरी, गरीब, अमीर, छात्र सभी वर्ग के लोग अपनी रोडवेज की बस को पहचान कर इसमें चढ़ जाते है।
राजस्थान रोड़वेज की बसो के पंचर होने पर मजबूरन टायर बदलने, ईजन को चलाने के लिए डिजल भरवाना भी मजबूरी और हैडलाईटे खराब होने पर उन्हें भी मरम्मत करवाना एक मजबूरी ही है जबकि बसो में मूंगफली के छिलके, संतरों के गिले नहीं सात दिन पुराने छिलके, चाय के खाली प्लास्टिक कप, सामान रखने की रैक पर खाली प्लास्टिक की बोतलों का मण्डार और आपकी पेन्ट-शर्ट पर एक-दो इंच का ''एल'' साईज कट लगाने के लिए सीट के पीछे बोतल रखने, हैण्डल में लगे सफेद स्कू्र सभी कुछ यथावत मिलेंगे।
रोडवेज की बस के सुबह में यदि आप पहले यात्री है तब आपकी पेन्ट पर पड़ी हुई मिट्टी को भी साफ करेगी। भगवान नहीं करे कभी कोई किमती सामान कान की बाली, हाथ की अंगूठी आपकी बस में गिर जाये और घर पर आने के बाद याद आये तब भी चिन्ता करने की कोई बात नहीं, क्योंकि वही बस दिल्ली-जयपुर जाकर लौट आने पर भी अगर आप उसी सीट के आस-पास अपनी बाली या अंगूठी ढूंढ़ोंगे तो आपको मूंगफली के कचरे में जरूर मिल जायेगी। रोड़वेज की बसो में सफाई नहीं करने का यह एक फायदा भी है।
राजस्थान की सरकार बदले चाहे रोड़वेज के मंत्री और चेयरमेन नया लग जाये या फिर प्रबन्ध निदेशक पद पर नया चेहरा आ जाये लेकिन रोड़वेज का चेहरा नहीं बदलेगा। राजस्थान रोड़वेज के खिड़कियों के शीशों से लेकर पूरी बॉडी पर एक के बाद एक यात्रियों द्वारा की हुई उल्टियों की गंदगी हफ्तों मौजूद दिखाई देगी। दूसरी ओर प्राइवेट बसो की हालात देखिए जोधपुर,जालोर,उदयपुर या दूरदराज जैसलमेर से रातभर चलकर सूबह जयपुर पहुंचने पर स्लीपर कोच की उंचाई तक सिढ़ी लगाकर बस की धुलाई करते लड़के अजमेर पुलिया से हसनपुरा पुलिया तक दिखाई देंगे। इन बसो के अन्दर और बाहर गंदगी या कचरा छोड़कर मिट्टी भी दिखाई नहीं देती है जबकि बसो की सफाई करने वाले महिने पर मात्र पांच सौ से आठ सौ रूपया लेते है। जिससे एक दिन का खर्चा 20 से 25 रूपये होते है। जबकि रोड़वेज के पास करोड़ो के वेतन भोगी तथा करोड़ो के सर्विस स्टेशन मौजूद होने के बाद भी गंदगी में प्राईवेट बसो ही नहीं अन्य प्रदेशों की बसो के सामने भी राजस्थान रोड़वेज सर्वप्रथम स्थान पर है।
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